जगमग करती दिवाली फिर प्यार लुटाने आई है
हर जीवन में शुभ प्रकाश हो , ये संदेसा लायी है
जगमग - जगमग दीप जले हैं, सुन्दर - सुन्दर प्यारे - प्यारे
नन्हें हांथों में फुलझड़िया, देखो कितने लगते न्यारे
ख़ुशी लुटाती हर जीवन में , खुशियों का भण्डार दिवाली आई है
जगमग करती दिवाली फिर प्यार लुटाने आई है
दीप पर्व के इस अवसर पर मन के दीप जला लेना
प्रेम न्याय साहस औ सद्गुण, शुभाचरण अपना लेना
मानव हित का यह संदेसा , फिर से लेकर आई है
जगमग करती दिवाली फिर प्यार लुटाने आई है
उंच नीच का भेद मिटा कर दीप जलें सद्भाव लिए
दूर दूर तक जलते दीपक हम सबसे बस यहीं कहें
जियो दीप - सम तभी समझाना तुमने दिवाली मनाई है
जगमग करती दिवाली फिर प्यार लुटाने आई है
बहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंसुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल 'समीर'
सुन्दर रचना। बधाई।आपको व आपके परिवार को भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंwaah waah !...kya baat !
जवाब देंहटाएं...bahut sundar rachna !
अरे वाह !
जवाब देंहटाएंसरल सौम्य धाराप्रवाह गीत ....बहुत अच्छा लिखते हो !
शुभकामनायें !
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें ... आपके लिए और परिवार के समस्त सदस्यों के लिए ...
जवाब देंहटाएंरचना सुन्दर है !
bahut acche, aapko bhi shubhkamanaae ...
जवाब देंहटाएंपर्व-त्यौहार जीवन में उत्साह-उमंग भरते हैं। सौहार्द्र का प्रकाश,अंतस् के कलुष को हरकर आपके जीवन में सरसता घोले,ऐसी कामना है।
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार को दीपावली की शुभकामनाएं ....
जवाब देंहटाएंदीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएं“नन्हें दीपों की माला से स्वर्ण रश्मियों का विस्तार -
जवाब देंहटाएंबिना भेद के स्वर्ण रश्मियां आया बांटन ये त्यौहार !
निश्छल निर्मल पावन मन ,में भाव जगाती दीपशिखाएं ,
बिना भेद अरु राग-द्वेष के सबके मन करती उजियार !! “
हैप्पी दीवाली-सुकुमार गीतकार राकेश खण्डेलवाल
ज्योति-पर्व पर इस सुंदर कविता के लिए आपको हार्दिक बधाई . दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं .
जवाब देंहटाएंदीपावली के इस पावन पर्व पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें....
जवाब देंहटाएंदीपावली के इस शुभ बेला में माता महालक्ष्मी आप पर कृपा करें और आपके सुख-समृद्धि-धन-धान्य-मान-सम्मान में वृद्धि प्रदान करें!
जवाब देंहटाएंउजाले के महोत्सव में खुशियों की बरसात करें
जवाब देंहटाएंखुशबू से नहलाये सबको, मीठे मुँह से बात करें
फुलझड़ी सी जिंदगी है वक़्त ने इसको सुलगाया
सही सूत्र है जीवन का, हर लम्हें पर शुरुआत करें
बहुत बढ़िया रचना......दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें...
जवाब देंहटाएंदीपोत्सव पर हमारी ओर से भी बधाइयों का गुलदस्ता स्वीकार करें !
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