आपलोग 2G , 3G , 4G के बारे में
जरूर सुना होगा और आप में बहुत सारे लोग इनमे से किसी ना किसी टेक्नोलॉजी को
इस्तेमाल कर रहे होंगे और ज्यादातर लोग जो 4G का भी इस्तेमाल कर रहे होंगे कहीं ना कहीं अपने इन्टरनेट की स्पीड को
और बेहतर चाहते होंगे | सबसे
पहले 2G आया 1991 में
उसके बाद 3G आया
1998 में फिर 4G आया
2008 में और अब आने वाले दिनों में 2020
तक आप 5G का इस्तेमाल कर पाएंगे जिसकी स्पीड 4G से कही अच्छी होगी |
5G बिलकुल अलग तरह
से काम करेगा जैसे की अभी वर्तमान में हम 700MHz , 1900 MHz फ्रीक्वेंसी का प्रयोग करते है मतलब
फ्रीक्वेंसी बैंड की सीमा 1GHz से
2GHz की है जबकि 5G 28 GHz से शुरू होगा जोकी 60 GHz तक जा सकता है |
फ्रीक्वेंसी बढ़ने से हम काफी तेजी से
डाटा एक जगह से दूसरी जगह भेज पाएंगे और इन्टरनेट की स्पीड काफी बढ़ जाएगी पर इसका
नुकसान ये होगा की सिग्नल लॉस ज्यादा होगा क्योंकि फ्रीक्वेंसी बढ़ने से रेंज कम हो
जाती है | इस
समस्या से निजात पाने के लिए मिलीमीटर वेव टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते है जिससे
हमें अपने स्मार्टफोन में मल्टीप्ल एंटेना लगाने की सहूलियत मिल जाएगी जिससे
सिग्नल स्ट्रेंथ बढ़ाया जा सकेगा और यही काम हम मोबाइल टावर के साथ भी कर सकते है |
अभी 5G के लिए कोई मानक तय नहीं किया गया है जैसा की 4G के लिए LTE डिफाइंड किया गया है या 3G के
लिए HSPA या उमटस है तो
अभी हमें इसके लिए इंतज़ार करना पड़ेगा |
अगर 5G के स्पीड की बात करे तो QUALCOMM के अनुसार इसकी स्पीड 5GPs हो सकती है और QUALCOMM इसे 2018 के
ओलंपिक में टेस्ट भी करने वाला है |
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