जैसा की भाई - बहन के परस्पर प्रेम का प्रतीक यह त्यौहार दीपावली के एक या दो दिन बाद मनाया जाता है ,इस साल भाई दूज का त्यौहार 1 नवम्बर को मनाया जायेगा | कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को भाई बहनों को समर्पित पर्व को यमद्वितीया भी कहते हैं | इसदिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र व उज्ज्वल भविष्य के लिए कामना करती हैं | ऐसा मन जाता है की यम-द्वितीया के दिन यमराज स्वयं धरती पर अपनी बहन यमुना से मिलाने आते हैं | चित्रगुप्त की भी पूजा इसी दिन होती है | इस दिन बहन के हाँथ से बने चावल खाने से भाई की उम्र लंबी होती है ऐसी मान्यता है |
Happy Bhai Dooj |
जैसा की इस बार भैया दूज 1 नवम्बर को मनाया जा रहा है पर ३ बजे से लेकर साढ़े चार बजे तक राहु काल है तो इस समय को छोड़कर कभी भी बहाने अपने भाई को तिलक कर सकती है |
यमराज अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे, लेकिन ज्यादा काम होने के कारण अपनी बहन से मिलने नहीं जा पाते। एक दिन यम अपनी बहन की नाराजगी को दूर करने के लिए उनसे मिलने पहुंचे। भाई को आया देख यमुना बहुत खुश हुईं। भाई के लिए खाना बनाया और आदर सत्कार किया। बहन का प्यार देखकर यम इतने खुश हुए कि उन्होंने यमुना को खूब सारे भेंट दिए। यम जब बहन से मिलने के बाद विदा लेने लगे तो बहन यमुना से कोई भी अपनी इच्छा का वरदान मांगने के लिए कहा। यमुना ने उनके इस आग्रह को सुन कहा कि अगर आप मुझे वर देना ही चाहते हैं तो यही वर दीजिए कि आज के दिन हर साल आप मेरे यहां आएं और मेरा आतिथ्य स्वीकार करेंगे। कहा जाता है इसी के बाद हर साल भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है।
इसके अलावा भगवान श्रीकृष्ण और उनकी बहन सुभद्रा को लेकर भी भाई दूज की एक कथा प्रचलित है। कहा जाता है कि नराकासुर को मारने के बाद जब भगवान श्रीकृष्ण अपनी बहन सुभद्रा से मिलने पहुंचे थे। उनकी बहन ने उनका फूलों और आरती से स्वागत किया था और उनके माथे पर टीका किया था। जिसके बाद से इस त्योहार को मनाया जाने लगा और इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं।
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