इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकले
गोविन्द नाम लेके, तब प्राण तन से निकले,
श्री गंगाजी का तट हो, जमुना का वंशीवट हो,
मेरा सावला निकट हो, जब प्राण तन से निकले
पीताम्बरी कसी हो, छबी मान में यह बसी हो,
होठो पे कुछ हसी हो, जब प्राण तन से निकले
जब कंठ प्राण आये, कोई रोग ना सताये
यम् दरश ना दिखाए, जब प्राण तन से निकले
उस वक्त जल्दी आना, नहीं श्याम भूल जाना,
राधे को साथ लाना, जब प्राण तन से निकले,
एक भक्त की है अर्जी, खुद गरज की है गरजी
आगे तुम्हारी मर्जी जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकले
बहुत सुंदर प्रार्थना ईश्वर शायद सुनले , अच्छी लगी
जवाब देंहटाएंlaekhak kaa naam dae dae
जवाब देंहटाएंmaine bhi sirf suna hai anup jalota ji ka gaya hua bhajan hai ye . lekhak ka naam mujhe nahi pata aagar kisi ko pata ho to awashya batayien main jaroor likhunga
जवाब देंहटाएंaapka sabka dhanyawaad
jai shree radhe
जवाब देंहटाएं