जब आरक्षण का लाभ ले रहे धनी लोगों से आरक्षण छोड़ने की बात की जाती है तो वो एक ही बात कहते हैं आप मनुवाद छोड़ दो हम आरक्षण छोड़ देंगे। आज कितने घरों में मनुस्मृति देखने को मिलती है? शायद लाखों में एक घर ऐसा होगा जहां मनुस्मृति देखने को मिले। इसका कारण ये है की हिंदुओं ने स्वयं इसे अव्यवहारिक समझकर इसका परित्याग कर दिया है और बाजार में जो उपलब्ध भी है वह विकृत रूप में हैं यानि हिन्दू विरोधियों ने उसमें छेड़छाड़ कर सवर्णों को बुरा बताने का हर सम्भव प्रयास किया है। फिर भी मनुवाद का ठप्पा फेविकोल की तरह सवर्ण हिंदुओं के साथ चिपका दिया गया है..........
बुधवार, 27 अप्रैल 2016
आरक्षण और मनुवाद
जब आरक्षण का लाभ ले रहे धनी लोगों से आरक्षण छोड़ने की बात की जाती है तो वो एक ही बात कहते हैं आप मनुवाद छोड़ दो हम आरक्षण छोड़ देंगे। आज कितने घरों में मनुस्मृति देखने को मिलती है? शायद लाखों में एक घर ऐसा होगा जहां मनुस्मृति देखने को मिले। इसका कारण ये है की हिंदुओं ने स्वयं इसे अव्यवहारिक समझकर इसका परित्याग कर दिया है और बाजार में जो उपलब्ध भी है वह विकृत रूप में हैं यानि हिन्दू विरोधियों ने उसमें छेड़छाड़ कर सवर्णों को बुरा बताने का हर सम्भव प्रयास किया है। फिर भी मनुवाद का ठप्पा फेविकोल की तरह सवर्ण हिंदुओं के साथ चिपका दिया गया है..........
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