शनिवार, 21 मई 2016

मोदी के वादे और अटल इरादे के बीच अरहर की दाल


कुछ कहने से पहले  कुछ आंकड़े  
1 - मोदी सरकार ने पिछले दो साल में 50 हजार करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी है.
2 - 21 हजार करोड़ की अघोषित आय का खुलासा हुआ है
3 - पिछले दो साल में 3,963 करोड़ रुपए की कीमत का तस्करी का सामान जब्त किया गया है
4 - 1466 मामलों में कानूनी कार्रवाई शुरू हुई
पर ये सब आपको नहीं दिखेगा , आपको तो बस दाल ही दिखाई देती है ।  दाल 170 रुपए किलो हो गयी है इसलिए हमें तो जी दाल ही खानी है , जब प्याज महँगी थी तो हमें बस प्याज ही खानी थी मतलब की जब जो चीज महँगी होगी हमें तो वही खानी है , क्योंकि हम आम आदमी है जी और ऊपर से हमें वामपंथी कीड़े ने काट रखा है ।  हम बुध्दिजीवी लोग है जी हम 10 रुपये किलो आलू , 10 रुपये किलो प्याज , 15 रुपये किलो टमाटर या 20 - 30 रुपये किलो की सब्जी कैसे खा सकते है जी आखिर हम आप आदमी है हम खाएंगे तो 170 रुपये किलो अरहर की दाल ही खाएंगे जी हम और दाल तो छु भी नहीं सकते जी वो तो सस्ती है जी । एक बार बनारस घाट पर सीढ़ियों पर बैठा था , वहीँ पास में कोई विदेशी भी बैठा था हम लोगो के बीच बात चीत शुरू हुई , मुझे अभी याद नहीं की वो किस देश से आया था पर उसका प्रश्न अभी भी याद है  थोड़ी देर बाद उसने मुझसे पुछा In India , food is everywhere and best part of it that it is almost free but still people are starving why? You know in our country we can not do farming for at least 6 months ...  इसका कोई क्या जवाब दे जब अपने लोग ही अपनी नाव डुबोने में लगे हो तो ... 

जब मंगलयान छोड़ा जाता है तो तुम चिल्ला चिल्ला के घर भर दिए थे की इतना खर्च कर दिया इतने में कितने गरीबो को कहना मिल जाता , पर जब वही आपके स्वघोषित इकलौते ईमानदार नेता श्री केजरीवाल ने 500 करोड़ से ज्यादा खर्च किया तो आपके मुंह में छाले पड़ गए थे । ऐसे बहुत सी घटनाएं है जिनसे आपका दोगलापन दिखता है |
अब तो जैसे तुम्हारा सवाल सेलेक्टिव होगा , हमारा जवाब भी वैसे ही सेलेक्टिव होगा ,तुम्हारी दाल अब नहीं गलने वाली , अब तुम अपनी छाती कूटो या करो विधवा विलाप किसी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला । 


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