हाँ मैं ब्राह्मण हूँ और यही मेरा पाप है जो मुझे मेरे ही देश में अपनों से लड़ने के लिए उकसा रहा है । हाँ मैं अब नफ़रत करता हूँ नीची जाती के लोगो से । पहले से मैं ऐसा नहीं था मेरे कई मित्र नीची जाती से थे और हैं भी , पर अब पहले जैसी आत्मीयता नहीं रही जब मैं ये देखता हूँ की आरक्षण की सीढी पर चढ़कर कैसे मुह चिढाते हैं और सहानुभूति का बहाना करके जले पर नमक लगाते हैं की जैसे वो कह रहे हो की तुमने जो ब्राह्मण के घर पर पैदा होके पाप किया है उसकी सजा तो तुम्हें मिलेगी ही ।
जिन मित्रों के साथ मैं घंटो बैठने में कोई परेशानी नहीं
होती थी आज उन्हें देखते ही मन खिन्न हो जाता है । कहते हैं सभी जाती के
लोग बराबर है पर मैं कैसे मान लूं ........
मुझे
गैर सरकारी संस्थान में पढ़ना पड़ा जबकि मुझसे कहीं कम योग्यता रखने वाले
मेरे साथी कहीं अच्छे संस्थानों में गए यहीं से सुरु हुई आरक्षण से लड़ाई और
ये लड़ाई आगे चलकर नफ़रत में बदली । मेरे देश में हर जगह आरक्षण है बस में
आरक्षण , पढ़ने में आरक्षण , नौकरी में आरक्षण , प्रमोशन में आरक्षण हर तरफ
जहाँ आप की नज़र पड़े वही आरक्षण । अब तो साँस लेना भी मुश्किल होने लगा है
बचपन से आरक्षण की गुलामी सहते आया हूँ और अब मैं डरने लगा हूँ की कहीं ये नफरत मुझे मेरे ही लोगो की जान की दुश्मन न बना दे ।
कुछ
लोग कहते हैं की हमारे पुर्वजो ने बड़े जुल्म किये है हो सकता है आप लोग सच
कह रहे हो पर ये कहाँ का न्याय है की बाप अगर मर्डर करे तो फांसी बेटे को
दे दी जाए ।
आरक्षण उन्ही को मिलता है जो नीची जाती के है यानी हम
आप उनके मन में ये भर रहे हैं की वे नीच हैं दलित है सताए हुए हैं बेचारे
हैं और हम आप ये कहते हैं की हम आरक्षण दे के उनकी मदद कर रहे है लानत है
हमारी सोच पर ...........
मैं आरक्षण का बिरोध करता रहा हूँ और आगे भी करता
रहूँगा इसलिए नहीं की मैं ब्राह्मण हूँ बल्कि इसलिए की योग्यताओं को
प्रोत्साहन मिलाना चाहिए न की जाती विशेष को ।
Source : What's APP
Pic : Google
सच आरक्षण आपस में लड़ने-भिड़ने का औजार बनता जा रहा है, जो एक गम्भीर बीमारी की शक्ल में आये-दिन हमारे सामने आ खड़ा होता है!
जवाब देंहटाएंआज की ब्लॉग बुलेटिन अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन कोड मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ...
जवाब देंहटाएंसादर आभार !
धन्यवाद
हटाएंVery nice post and these thoughts resonate with me too
जवाब देंहटाएंVery nice post and these thoughts resonate with me too
जवाब देंहटाएं