बुद्धा इन ट्रैफिक जैम एक शानदार फिल्म है । विवेक अग्निहोत्री जिन्होंने अपने पहली फिल्म चॉकलेट डायरेक्ट की थी और जो ज्यादातर कमर्सिअल सिनेमा ही बनते है इस बार एक ऐसी फिल्म के साथ आये है जो आदर्शवाद , समाजवाद, नक्सलवाद , भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों पर आपको सोचने पर मजबूर करती है । इस सिनेमा में यह दिखाया गया है की पिछले 60 सालो से आदिवासियों के हालात में कोई बदलाव कैसे नहीं हुआ । कैसे ये लाल सलाम वाले हर जगह फैले हुए है। इस फ़िल्म में अलग अलग " वाद " पर भी चर्चा की गयी है जिसके बारे में हम सोचते है की यह हमारे देश के लिए सही है । पिछले कुछ महीनो से चल रही बहस जैसे की "राष्ट्रवाद" या "कट्टरपंथ" जैसे मुद्दों पर भी बहस की गयी है । हालाँकि यह फ़िल्म बहुत अच्छी बनी है और आपको बहुत सारे मुद्दों पर सोचने पर मजबूर करती है पर शायद यह सबको पसंद ना आये क्योंकि इसमें कोई आइटम सांग नहीं है , कोई धांसू एक्शन या चटपटे डायलॉग नहीं है , फिर भी मेरे हिसाब से यह फ़िल्म एक बार ज़रूर देखनी चाहिए । मुझे बहुत पसंद आई , शायद आपको भी अच्छी लगे...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें